Hypothyroidism - What are the symptoms of thyroid problem in females ?

Here I have discussed thyroid ke bare mein What are the symptoms of thyroid problems in females in Hindi, महिलाओं में थायराइड के लक्षण, Thyroid kya hota hai. Dr Puneet Agrawal is dealing with thyroid problems routinely and thyroid specialist and thyroid doctor near me. I have also discussed thyroid ke lakshan kya hai, 19 signs of thyroid problems, hypothyroid symptoms in females in hindi, thyroid kya hota hai, thyroid se kya hota hai, thyroid bimari

हमारे शरीर का प्रत्येक अंग बहुत छोटी छोटी कोशिकाओं से मिल कर बना है। इन कोशिकाओं को हमारा दिमाग कुछ हॉर्मोन्स से नियंत्रित करता है। इनमे से एक प्रमुख हॉर्मोन है थाइरोइड हार्मोन।

थाइरोइड हॉर्मोन हमारे गले में सामने की तरफ बीचों बीच थाइरोइड ग्लैंड में बनता है। यह ग्लैंड प्रमुखता से दो हॉर्मोन बनती है T 3  तथा T 4 हमारे शरीर में थाइरोइड के सही प्रकार कार्य न करने से इनका बनना काम हो जाता है। खून में हॉर्मोन की कमी होने पर  स्थित पिट्यूटरी ग्रंथि एक अन्य हॉर्मोन TSH बनता है जो थाइरोइड को ज्यादा थाइरोइड हॉर्मोन बनाने के लिए प्रेरित करता है।

कभी कभी थाइरोइड होर्मोनेस को अधिक बनाने लगती है इसे हम हाइपर थायरिडोसिम hyperthyroidism  या थायरोटॉक्सीकोसिस Thyrotoxicosis भी कहते हैं।

हाइपर की अपेक्षा हाइपो थाइरॉइडिस्म प्रमुखता से मिलती है। इस लेख में हाइपोथाईरोइडिस्म के बारे में ही मैंने बात की है।  समाज में 5 -10 प्रतिशत लोग इस बीमारी से ग्रसित हैं।  पुरषों की अपेक्षा महिलाएं इससे दस गुना ज्यादा प्रभावित होती हैं। एक अनुमान के अनुसार आठ में से एक महिला हाइपो की मरीज होती है। इसी लिए महिलाओं को इस बीमारी के लिए बहुत जागरूक होने की जरुरत है।

अधिक उम्र की औरतों में थाइरोइड की बीमारी से होने वाले लक्षण मासिक धर्म रुकते समय होने वाले लक्षणों के लगभग समान होते हैं। इसलिए उस समय होने वाली बीमारी को पहचानने में थोड़ी देर हो जाती है।

थाइरोइड केवल महिलाओं की बीमारी नहीं है, ये किसी भी आयु के पुरुष तथा महिलाओं को हो सकती है।

गले में थाइरोइड के लक्षण What are the symptoms of thyroid problems in females ? आइये जानते हैं थाइरोइड की कमी के क्या क्या लक्षण होते हैं -

हमारा शरीर मेटाबोलिज्म द्वारा भोजन को ऊर्जा में बदलता है। यह ऊर्जा शरीर के सभी अंगो को सुचारु रूप से चलाने के लिए आवश्यक होती है। हाइपोथायरायडिज्म में मेटाबोलिज्म धीमी हो जाती है जिससे शरीर के सारे अंग सुस्त हो जाते हैं, जैसे चूल्हे की आग धीमी पड़ जाने पर होता है।

थाइरोइड की कमी से होने वाले प्रमुख लक्षण हैं -

1  हर समय थकावट महसूस होना

2  ज्यादा ठण्ड लगना, ठण्ड बर्दास्त न कर पाना

3  वजन बढ़ना

4  कब्ज होना

थाइरोइड की कमी के कारण शरीर का हर अंग धीमा तथा ढीला हो जाता है। शरीर को ऊर्जा न मिलने के कारण मरीज को हर समय थकावट महसूस होती है। किसी काम में मन नहीं लगता है। शरीर में सुस्ती बनी रहती है।

ऊर्जा न बनने के कारण मरीज को ठंड बहुत ज्यादा लगती है। ठंड सहने की शक्ति कम हो जाती है। गर्मियों में भी मरीज को ठंड लगती रहती है। ठंड की वजह से मरीज रात को सो भी नहीं पता है। कांपता रहता है।

भूख कम लगने के बाबजूद मरीज का धीरे धीरे वजन बढ़ने लगता है। जब उसके कपडे कसने लगते हैं या चप्पल जूते छोटे हो जाते हैं तो उसका ध्यान उस तरफ जाता है। बहुत दिनों बाद मिलने वाले जानकार भी वजन बढ़ने के कारण मरीज को टोकते हैं।

आँतों के धीमे चलने के कारण मरीज को कब्ज बन जाता है। मेरी प्रैक्टिस में कई कब्ज के मरीजों की जाँच में मैंने थाइरोइड बीमारी को पहचाना है।

कई मरीज गले में तितली के आकार की बड़ी हुई थाइरोइड ग्लैंड को महसूस करते हैं। इसे हम गोइटर या घेंघा भी कह देते हैं।

थाइरोइड की कमी के अन्य लक्षण इस प्रकार हैं -

मरीज के दिमाग में सुस्ती आ जाती है। उसकी याददाश्त कमजोर होती जाती है। मरीज का किसी भी कार्य में मन नहीं लगता है। उसे हर समय भ्रम confusion बना रहता है। इसे हम mental fog के नाम से भी जानते हैं। कभी कभी मरीज को डिप्रेशन की बीमारी भी हो जाती है।

Does thyroid cause hair loss?

मरीज के बाल खास कर महिलाओं में बेजान से रूखे हो जाते हैं। बाल पतले हो जाते हैं। कंघा करने पर बाल अधिक मात्रा में टूटते हैं

मरीज  के चेहरे पर सूजन महसूस होती है , चेहरा फूला फूला लगता है। उसकी आवाज भी भरी हो जाती है तथा साँस भी फूल सकती है।

मरीज की खाल सूखी तथा कड़ी हो जाती है। उसमे सूजन आ जाती है।

अन्य अंगो के साथ साथ हृदय भी धीमा हो जाता है, दिल की धड़कन कम हो जाती है।

Does thyroid affect periods?

महिलाओं में थाइरोइड का विशेष प्रभाव पड़ता है, लड़कियों में माहवारी प्रारम्भ करने को थाइरोइड प्रभावित करती है। माहवारी के समय रक्त का प्रवाह हल्का या ज्यादा हो सकता है।

माहवारी अनियमित हो सकती है। महिला को गर्भ धारण करने में परेशानी होती है। गर्भ जल्दी जल्दी नहीं ठहरता है। महिलाओं की ओवरी में गांठें बन जाती हैं। कभी कभी मासिक धर्म समय से पूर्व ही रुक जाता है। मीनोपॉज या रजोनिवृति समय से पहले हे आ जाती है।

थाइरोइड की कमी शरीर की मांसपेशियों को प्रभावित करती है। उनमें कमजोरी आ जाती है। मांसपेशियों में दर्द भी बना रहता है। छूने पर मरीज को दर्द महसूस होता है। मांसपेशियां कड़ी भी रहती हैं। मांसपेशियों के साथ जोड़ों में अकड़न और सूजन के साथ दर्द भी महसूस होता है। पुरुषों में मांसपेशियां हलकी हो जाती हैं।

पुरुषों में थाइरोइड की कमी से नपुंसकता आ सकती है। उनमें स्पर्म काउंट कम हो जाता है तथा लिबिडो  कम हो सकती है।

विश्व में आयोडीन की कमी ह्य्पोथयरॉइडिसम्म होने का प्रमुख कारण है। इसके अतिरिक्त ऑटो इम्यून डिजीज हाशिमोटो थयरॉइडिटिस ( Auto-immune disease Hashimoto thyroiditis)भी अन्य प्रमुख कारण है।

Dr Puneet Agrawal

Agra

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